The Ultimate Guide To hindi story
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From timeless classics to modern day masterpieces, these Hindi fiction books will be the best you can get your fingers on.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
Impression: Courtesy Amazon This is the critically acclaimed satirical Hindi novel written by Shrilal Shukla and published in 1968. This Hindi fiction book offers a scathing critique from the socio-political landscape of rural India. Set inside the fictional town of Shivpalganj, the narrative unfolds from the eyes on the protagonist, Ranganath, a young gentleman who returns to his ancestral village to Recuperate from an illness.
मोरल – विषम परिस्थितियों में भी अपने स्वभाव को नहीं बदलना चाहिए।
यह बच्चों के लिए एक गुजराती लोक कथा है।
उनकी पूरी योजना जानने के लिए हमारा पॉडकास्ट सुनें ।
मुकेश कोई छः – सात साल का होगा। उसे पेंटिंग करना और क्रिकेट खेलना बेहद पसंद है। खाली समय में वह क्रिकेट खेलता और पेंटिंग बनाया करता था।
उत्तर प्रदेश की नई डिजिटल नीति पर क्यों उठ रहे सवाल, क्या दूसरे राज्यों में भी है डिजिटल पॉलिसी
रामकृष्ण परमहंस उस वृक्ष के नीचे गए और विषधर को बुलाया। विषधर क्रोध में परमहंस जी के सामने आंख खड़ा हुआ। विषधर को जीवन का ज्ञान देकर परमहंस वहां से चले गए।
उस दिन बड़े सवेरे जब श्यामू की नींद खुली तब उसने देखा—घर भर में कुहराम मचा हुआ है। उसकी काकी उमा एक कंबल पर नीचे से ऊपर तक एक कपड़ा ओढ़े हुए भूमि-शयन कर रही हैं, और घर के सब लोग उसे घेरकर बड़े करुण स्वर में विलाप कर रहे हैं। लोग जब उमा को श्मशान सियारामशरण गुप्त
माँ को अपने बेटे, साहूकार को अपने देनदार और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था। भगवत-भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान। उसके जोड़ का घोड़ा सारे सुदर्शन
Past Up-to-date on: 29/06/2024 by Hindi Vibhag Right now we are crafting Hindi brief tales with moral values for youths. These tales are only for children and likewise written in that lucid language. These Hindi stories with morals might also be practical for lecturers.
एक दिन राजा के नौकर ने ब्राह्मण से बक्शीश मांगी। ब्राह्मण कोई जवाब दिए बिना वहां से चला गया। नौकर ने ब्राह्मण को सबक सिखाने की ठानी। अगले दिन नौकर ने ब्राह्मण से कहा की राजा तुम से नाराज हैं क्योंकि उन्हें तुम्हारे मुँह से दुर्गन्ध आती more info है। ब्राह्मण घबरा गया और अगली बार राजा से मिलने अपने नाक मुँह पर कपड़ा रख कर गया।
Image: Courtesy Amazon 1st posted in 1927, this Hindi fiction e-book is usually a poignant exploration of social difficulties and human thoughts in early twentieth-century India. The story revolves round the protagonist, Nirmala, a youthful and innocent bride who becomes a victim of societal norms, customs, along with the prevailing patriarchy. Premchand skillfully weaves a narrative that delves in the severe realities faced by Gals inside of a conservative Modern society. Nirmala’s journey is marked by tragedy, as she navigates in the complexities of the dysfunctional marriage, societal anticipations, as well as problems of being a girl in that era.